लेखनी प्रतियोगिता -05-Jan-2023 यादें
वो रेत बनकर मेरी यादों से फ़िसल रहा है l
यादों के साथ साथ मेरा दम भी निकल रहा है ll
ये कैसा यादों का कारवां चल रहा है l
हर कोई किसी ना किसी की याद में जल रहा है ll
यादों को देखो कैसा शुरूर चढ़ा रहा है l
जिसे भी देखिये वो उसके रंग में रंग रहा है ll
रो - रो के कोई यादों को यहाँ याद कर रहा है l
हँस कर भी कोई अपना दामन यादों से भर रहा है ll
यादों को कोई अपनी मिटा कर जीने की कोशिश कर रहा है l
कोई यादों के सहारे ही ज़िंदगी अपनी बसर कर रहा है ll
मधु गुप्ता.....
Madhu Gupta "अपराजिता"
06-Jan-2023 11:06 AM
Thank you so much 🙏🙏🙏all..... 😊😊
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Punam verma
06-Jan-2023 09:06 AM
Very nice
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Abhinav ji
06-Jan-2023 08:20 AM
Very nice 👍👌
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